Tuesday, March 1, 2011

तू बस इतना करना

ऐ खुदा 
    तू बस इतना करना 
    मेरी आँखों में सपने देना 
    लाख मुश्किलें हो राहों में,
    मुझे कोशिशें करने देना,
    
    जितना हारूँ मैं 
    जीत की चाहत उतनी बढती जाये
    कोशिशों पर कोशिशें 
    हद से गुजरतीं  जाये 
    सत्य बन कर मेरे दिल में रहना 
    गलत राह पर न बढ़ने देना 
    पर हाँथ न थामना मेरा 
    मुझे कोशिशें करने देना .

    और जब मंजिल मेरी
    मुझे हासिल हो जाये
    ख़त्म सब संघर्ष 
    सारी मुश्किल हो जाये 
    तू विनम्र रखना मुझे
    अहम् में न पड़ने देना 
    तू बस इतना करना 
    फिर से नए सपने देना .

    लाख मुश्किलें हो राहों में,
    मुझे कोशिशें करने देना.
   
                          - ऋतु

3 comments:

  1. Wat an awesome poem ritu...Really appealing n arousing..I felt connected to God more..by reading it...

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  2. तू बस इतना करना
    मेरी आँखों में सपने देना
    लाख मुश्किलें हो राहों में,
    मुझे कोशिशें करने देना

    we always need dreams to get forward in our life...
    everything we do is to achieve our dreams

    nice poem....

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