क्यूँ वो एहसास दिलाते हैं
की उन्हें मेरा ख्याल है
ख्याल, जो आता है
और चला जाता है........
जो शायद एक लम्हा ठहरता भी नहीं
या फिर बरसों तक थमा रहता है
जो दिल के किसी कोने में
चुपचाप पड़ा सहमा सहमा रहता है
वो ख्याल जिसके लिए, एक जिंदगी भी कम है
वोही दो लम्हों के लिए तरसता है
कभी न बयां हो सकने की तड़प में
कभी कभी नाराज़गी बनकर बरसता है
उनकी दो पल की फिक्र ,जो मेरे लिए है
मुझे ख़ुशी देती क्यूँ है
की शिकायत हो जाती है मुझे
ये मोहलत इतनी थोड़ी सी क्यूँ है
और मुश्किल हो जाता है , उनका इंतज़ार
छिन जाता है जो भी थोड़ा बाकी था
धडकनों का करार .....
बेसब्र हो जाती है बेसब्री
और फिर,
मायूस हो जाती है ख़ुशी
जब सिर्फ ये एहसास लौट केर आता है
और लम्बी साँस सा सुकून दे जाता है
की उन्हें दो लम्हा ही सही,
मेरा ख्याल तो आता है
ख्याल, जो आता है ,
और चला जाता है ....................
- ऋतु
Beautiful poem....of beautiful girl!!!!!
ReplyDeleteJIYO!!!!!
words r less to say any thing !!!!!!!!!!
ReplyDeletenice poem
ReplyDeleteahsaas pyaar ka hissa hain
kabhi baato se
to kabhi najakato se
to kabhi sirf khamoshi se
hamesha yaad dilati h kisi khas ki